Amarta– अमरता

:–: अमरता:–: ************ " जो अपनी गलतियों से नहीं सीखता वो अपना अस्तित्व खो देता है और जो अपनी गलतियों से सीखता है वो अपने अस्तित्व को अमर कर देता है।" :– नरेन्द्र सिंह राठौड़ (भारत)
" ए जिंदगी तू ही बता तू क्या है? जिंदगी ने कहकशा लगाकर कहा , " मैं :– पेट की भूख , मुंह का पानी, खून की रवानी, श्वांसो की डोर , जज़्बातों का छोर और कुछ नहीं ।" मौलिक रचयिता:–नरेन्द्र सिंह राठौड़ (भारत )