Pukar pukar main thak chuki -पुकार पुकार मैं थक चुकी क्यों ना आए सैंया

पुकार पुकार मैं थक चुकी क्यों ना आए सैंया बिताए ना बीते ये जालिम रतिया करवटें बदलती रहती हूं मुख में दबाए अंगुलिया याद में तेरी बेसुध देख चिढ़ाती है सखियां पुकार पुकार मैं थक चुकी क्यों ना आए सैंया बिताए ना बीते ये जालिम रतिया दर्पण देख जब लगाती हूं बिंदिया तो याद आते हो तुम सैंया देख देख मेरे दिल की तड़पन रोती है मैया पुकार पुकार मैं थक चुकी क्यों ना आए सैंया बिताए ना बीते ये जालिम रतिया छुती हूं जब कान में झूमर हाथ में कंगना भूल गई हूं कैसे पायल बजती है सजना पुकार पुकार मैं थक चुकी क्यों ना आए सैंया बिताए ना बीते ये जालिम रतिया - नरेन्द्र सिंह राठौड़