Posts

Showing posts with the label Mera ghar hai sara jahan It's narendra rathore

Mera Ghar Hai Sara Jahan मेरा घर है सारा जहां

Image
मेरा घर है सारा जहां  मैं परिंदा हूं इंसान नहीं  मुझे चाहिए दाना , पानी और हवा भरते है हम स्वछंद उड़ान नहीं उठता जहा बारूद का धुआं  नहीं होती है  हमारे यहां  नफरत की खाई  जो किया करती सीमाओं में बांध कर मनमुटाव की कमाई  हम तो किया करते हैं  प्रेम सगाई जिसके अंदर सारे जहां की खुशियां  सदा रहती हैं समाई  छोड़ चोला आदमी का बन जा तू भी परिंदा होना नहीं पड़ेगा तुझे कदाचित  आने वाली पीढ़ियों के समक्ष शर्मिंदा अगर नही उड़ाएगा सीमाओं में बंधने के लिए एक – दूझे पे बारूद का गर्दा मनुज होकर अगर शांति से नहीं पले  तो प्रकृति को  क्यों करता है प्रदूषित  कहला कर बुद्धिमान प्राणी रह कर नील गगन के तले हाथ क्यों है तेरे  निर्दोषों के खून से सने  मन में बसा रखा है तूने चहुं दिशाओं में अंधेरे घने बन जा तू भी शांत परिंदा  उड़ान भर सीमाओं से परे।   :– नरेन्द्र सिंह राठौड़