Chal bhar udan -चल भर उड़ान - flying of hope

चल भर उड़ान छोड़ के जा अपने कदमों के निशान तुझे आगे बढ़ना होगा तू है आखिर एक इंसान मेहनत कर इतनी पूरे हो जाए अरमान जहां करे तेरा सम्मान चल भर उड़ान हौसलों को पूरा करने मिल्खा सिंह ने भरी गजब की उड़ान कहलाया उड़न सिख दी हिंदुस्तान को पहचान फिर तू क्यों पीछे रहे तू भी है रब की संतान चल भर उड़ान। दिया जब दान कर्ण ने गाया तब कृष्णा ने उसका गुणगान एकलव्य था अकेला सीखा बिन गुरु चलाना धनुष बाण चल भर उड़ान खड़ी हो गईं बाधाएं कलाम के सामने सीना तान फौलाद के बने थे वो हराने का लिया उन्होंने जब ठान दी ताकत हिंदुस्तान को बढ़ाया देश का संसार में मान तू भी कर पूरा अपनी अधूरी ख्वाहिशों को लगा के पंख चल भर उड़ान । नरेन्द्र सिंह राठौड़ (भारत )