Jeevan Sutra–जीवन सूत्र

शक्कर जैसा हो जिसका शरीर मन हो उसका अविरल नीर। दोनों हो जब एक दूजे में विलीन कहते हैं उसे धीर, वीर और गंभीर।। मौलिक रचयिता : –नरेन्द्र सिंह राठौड़ (भारत)
" ए जिंदगी तू ही बता तू क्या है? जिंदगी ने कहकशा लगाकर कहा , " मैं :– पेट की भूख , मुंह का पानी, खून की रवानी, श्वांसो की डोर , जज़्बातों का छोर और कुछ नहीं ।" मौलिक रचयिता:–नरेन्द्र सिंह राठौड़ (भारत )