Insan hai wo jo satya se preet kare -इन्सान है वो जो सत्य से प्रीत करे - man is he who loves the truth

इन्सान है वो जो सत्य से प्रीत करे होगा नहीं तुझ से फिर कोई परे ईश्वर आएंगे भीतर तेरे बिताएगा अपना जीवन बिना डरे | जिसे किसी में कमी नहीं दीखे वो करता है कर्म बिना हारे या जीते उसके जीवन का हर पल योग में बीते करनी नहीं पड़ती आंखे कभी शर्म से नीचे | संघर्ष से जो सीखे वो गगन में बाज की तरह उड़े जो अपने लक्ष्य को हासिल करे बिना भटके देता है पैगाम यही जो हर हाल में डटके | मन कुरुक्षेत्र जब जब बने धरा पर रखा गांडिव उठाना होगा अर्जुन बन के पायेगा कृष्ण को सदा भीतर सारथी बन के होगा ख़त्म मन का द्वन्द उत्तरदायी बनोगे मोक्ष के | :- नरेन्द्र सिंह राठौड़ (भारत)