Mere yara- मेरे यारा ! - self confidence

मेरे यारा ! किस बात का कर रहा है तू गम जब मनमीत बनकर तेरे साथ हैं खड़े जगन्नाथ विश्वंभरम। रखना होगा तुम्हें चींटी सा कलेजा जो लिए दाना पार कर लेती है , रास्ता भले ही क्यों ना हो पहाड़ सा । ध्रुव ने लिया जब भक्ति का अटल प्रण गोद में बैठाने को आतुर हुए नारायण बाधाओं के आगे जो ना झुके वो आकाश में ध्रुव तारा बन कर चमके। फेंका जब नीरज ने टोक्यो में भाला रख मन में पूर्ण विश्वास की उड़न सिख की एथलेटिक में स्वर्ण पदक की आस। बना तू भी अपने मन को मीत होगी तेरे हाथों में भी जीत चुनौतियों को करेगा जब हंस कर स्वीकार पहनाएगी दुनियां तुम्हे भी फूलों का हार। तन के जख्म हो या मन के गम लगेंगे कम दिल में रहेंगे महाराणा सांगा हर क्षण हर दम मेरे यारा! किस बात का कर रहा है तू गम जब मनमीत बनकर तेरे साथ हैं खड़े जगन्नाथ विश्ववंभरम।। :- नरेन्द्र सिंह राठौड़