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Showing posts from October, 2021

Mere yara- मेरे यारा ! - self confidence

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मेरे यारा ! किस बात का कर रहा है तू गम   जब मनमीत बनकर तेरे साथ हैं खड़े जगन्नाथ विश्वंभरम। रखना होगा तुम्हें चींटी सा कलेजा    जो लिए दाना पार कर लेती है  , रास्ता भले ही क्यों ना हो पहाड़ सा  । ध्रुव ने लिया जब भक्ति का अटल प्रण गोद में बैठाने को आतुर हुए नारायण   बाधाओं के आगे जो ना झुके  वो आकाश में ध्रुव तारा बन कर चमके। फेंका जब नीरज ने टोक्यो में भाला   रख मन में पूर्ण विश्वास की उड़न सिख की एथलेटिक में  स्वर्ण पदक की आस। बना तू भी अपने मन को मीत होगी तेरे हाथों में भी जीत चुनौतियों को करेगा जब हंस कर स्वीकार पहनाएगी दुनियां तुम्हे भी फूलों का हार। तन के जख्म हो या मन के गम लगेंगे कम दिल में रहेंगे महाराणा सांगा हर क्षण हर दम मेरे यारा! किस बात का कर रहा है तू गम जब मनमीत बनकर तेरे साथ हैं खड़े जगन्नाथ विश्ववंभरम।। :- नरेन्द्र सिंह राठौड़

Bachpan ka pyar - बचपन का प्यार - Great love of childhood

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बचपन का प्यार   मां के आंचल में छुपकर    पिताजी की डांट से बचना सर्द रातों में अलाव में अंगुलियों को  तपाना  सिगड़ी के अंगारों पे मां के हाथ के सीके हुए  भुट्टे को फूंक मार मार कर खाना गांव के गलियारों में मिट्टी की ढेरियों में चिर्मियों को ढूंढना हवा के झोंको संग दौड़ दौड़ कर चकरी उड़ाना बारिश के मौसम में भीगना नम मिट्टी में पैर डाल कर घर बनाना कैर के फूलों को हाथ में लेकर मधुर रस चूसना पिताजी की अंगुली थामे मेले में जाना जाकर गरम गरम जलेबियां खाना पंछियों को दाना  डालना मेहमानों संग गुफ्तगू करना अभी याद है। :- नरेन्द्र सिंह राठौड़