ma meri ma tu kitni pyari hai -मां मेरी मां तू कितनी प्यारी है
मां मेरी मां तू कितनी प्यारी है।
सारी दुनियां से तू न्यारी है।
रहा जब कोख में तब तूने कितनी पीड़ा झेली है।
आया जब दुनिया में तब काला टीका लगाकर नजर उतारी है।
खुद गीले में सोकर मुझे सूखे में सुलाकर पाली है।
मां मेरी मां तू कितनी प्यारी है।
सारी दुनियां से तू न्यारी है।
चलने लगा जब घुटने के बल तो
गिरने पर चूल्हा छोड़ के मुझे संभाली है।
चलने लगा पैरों के बल अंगुली थामकर तू संग चली है।
मां मेरी मां तू कितनी प्यारी है।
सारी दुनियां से तू न्यारी है।
जल ना जाए मुंह मेरा रोटी के ग्रास को फूंक मारी है।
जानें लगा स्कूल जब
जल्दी उठकर टिफिन की की तैयारी है।
मां मेरी मां तू कितनी प्यारी है।
सारी दुनियां से तू न्यारी है।
पढ़ लिख कर बड़ा हुआ
बना भविष्य मां अब तेरी नहीं
मेरी सेवा की बारी है।
मां मेरी मां तू कितनी प्यारी है।
सारी दुनियां से तू न्यारी है।
- नरेन्द्र सिंह राठौड़
सारी दुनियां से तू न्यारी है।
रहा जब कोख में तब तूने कितनी पीड़ा झेली है।
आया जब दुनिया में तब काला टीका लगाकर नजर उतारी है।
खुद गीले में सोकर मुझे सूखे में सुलाकर पाली है।
मां मेरी मां तू कितनी प्यारी है।
सारी दुनियां से तू न्यारी है।
चलने लगा जब घुटने के बल तो
गिरने पर चूल्हा छोड़ के मुझे संभाली है।
चलने लगा पैरों के बल अंगुली थामकर तू संग चली है।
मां मेरी मां तू कितनी प्यारी है।
सारी दुनियां से तू न्यारी है।
जल ना जाए मुंह मेरा रोटी के ग्रास को फूंक मारी है।
जानें लगा स्कूल जब
जल्दी उठकर टिफिन की की तैयारी है।
मां मेरी मां तू कितनी प्यारी है।
सारी दुनियां से तू न्यारी है।
पढ़ लिख कर बड़ा हुआ
बना भविष्य मां अब तेरी नहीं
मेरी सेवा की बारी है।
मां मेरी मां तू कितनी प्यारी है।
सारी दुनियां से तू न्यारी है।
- नरेन्द्र सिंह राठौड़
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