Teri jheel si aankhon me -तेरी झील सी आंखों में

तेरी झील सी आंखों में तैरने चले जाऊं मैं  
पलकें बंद कर लो तुम तो तैरकर बाहर निकल ना पाऊं मैं

तेरी आंखों में बसी है जो गमों की तस्वीरें रुकना जरा
उन्हें मैं  अपनी पलकों  से उठा उठा कर किनारे लगा दूं मैं

तेरी झील सी आंखों में तैरने चले जाऊं मैं
पलकें बंद कर लो तुम तो तैरकर बाहर निकल ना पाऊं मैं

तेरी आंखो में है जो बचपन की यादें  रुकना जरा
अपनी पलकों से अनमोल हीरों की तरह सजा  दूं मैं

तेरी झील सी आंखों में तैरने चले जाऊं मैं
पलकें बंद कर लो तुम तो तैरकर बाहर निकल ना पाऊं मैं।

तेरी आंखों की गहराई में  मुझे खजाना नजर आया रुकना जरा
तेरी मेरी  हसीन यादों की इबारत देखी उसे सजा दूं मैं

तेरी झील सी आंखों में तैरने चले जाऊं मैं
पलकें बंद कर लो तुम तो तैरकर बाहर निकल ना पाऊं मैं

तेरी हसीन आंखों की तलहटी में  रब नज़र आया मुझे रुकना जरा
कह देने दे रब से  तूझे अगर दिया  आंसू पूजा ना करूंगा मैं

तेरी झील सी आंखों में तैरने चले जाऊं मैं
पलकें बंद कर लो तुम तो तैरकर बाहर निकल ना पाऊं मैं ।
-नरेन्द्र सिंह राठौड़

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