Ayodhya ke lal nij dham padhare -अयोध्या के लाल निज धाम पधारे - A Hindi Poem on Lord Ram
अयोध्या के लाल निज धाम पधारे
जाओ सखी री
दीपक जलाकर लाओ
जगमग जगमग हो रहे है
खुशी के आलम में चांद सितारे
आओ हम सब मिलकर
अयोध्या के लाल की नजर उतारे
बाग में जाओ लेकर
सुंदर सुंदर फूल की माला
बनाकर पहनाएं
सरयू है प्रसन्न
बह बह कर इठलाएं
देखकर पंछी उड़े चहके चहके
साधु संत नाच नाच कर
अयोध्या को चौपाई सुनाएं
आज अयोध्या के लाल के लिए
हर कोई आतुर है
वो भी रागिनी सुनाएं
नाच नाच के मोर
अपने पंख फैलाए
देखकर वानर सेना झूला झूले
लगा के चंदन
अयोध्या के लाल को
हर कोई फूला ना समाएं
आज खुशी के मारे
घंटे घड़ियाल बज रहे
पता नहीं
कब दिन उगे कब रात ढले
अयोध्या के लाल निज धाम पधारे
हो रहे है
चहुं दिशाओं में वारे न्यारे
बिना पलक झपकाएं
गूंज रहा है ब्रह्माण्ड
जय श्री राम ! जय श्री राम ! पुकारे।
- नरेन्द्र सिंह राठौड़
जाओ सखी री
दीपक जलाकर लाओ
जगमग जगमग हो रहे है
खुशी के आलम में चांद सितारे
आओ हम सब मिलकर
अयोध्या के लाल की नजर उतारे
बाग में जाओ लेकर
सुंदर सुंदर फूल की माला
बनाकर पहनाएं
सरयू है प्रसन्न
बह बह कर इठलाएं
देखकर पंछी उड़े चहके चहके
साधु संत नाच नाच कर
अयोध्या को चौपाई सुनाएं
आज अयोध्या के लाल के लिए
हर कोई आतुर है
वो भी रागिनी सुनाएं
नाच नाच के मोर
अपने पंख फैलाए
देखकर वानर सेना झूला झूले
लगा के चंदन
अयोध्या के लाल को
हर कोई फूला ना समाएं
आज खुशी के मारे
घंटे घड़ियाल बज रहे
पता नहीं
कब दिन उगे कब रात ढले
अयोध्या के लाल निज धाम पधारे
हो रहे है
चहुं दिशाओं में वारे न्यारे
बिना पलक झपकाएं
गूंज रहा है ब्रह्माण्ड
जय श्री राम ! जय श्री राम ! पुकारे।
- नरेन्द्र सिंह राठौड़
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