Sirf tum सिर्फ़ तुम

दिलबर मेरे !
नजर हटती नहीं
दुनियां अखरती नहीं
जब तक सामने खड़े हो , सिर्फ तुम

दिलबर मेरे !
नजर हटती नहीं
दुनियां अखरती नहीं
जब तक सामने खड़े हो , सिर्फ तुम।

भुलाएं भूलूं ना तेरे संग बिताएं हसीन पल
बसा के रखा है जिसमे मेरा तेरा कल आज और कल
बजती रहती है स्वप्नों में तेरे पायल की छन छन
लगता नहीं तेरे बिना इक पल मेरा मन

दिलबर मेरे !
नजर हटती नहीं
दुनियां अखरती नहीं
जब तक सामने खड़े हो , सिर्फ तुम।

फेंकता नही
सच कहता हूं
हां मैं हूं तेरा चकोर
समझ कर तुझे स्वाति नक्षत्र की बूंद
करने मिलन देखूं तेरी ओर

दिलबर मेरे !
नजर हटती नहीं
दुनियां अखरती नहीं
जब तक सामने खड़े हो , सिर्फ तुम।

तू है  वफा की मूरत
जिसके सामने फीकी है अप्सरा की सूरत
केवल तुझे दिल में बसा रखा
बना कर हीर बन के रांझा 

दिलबर मेरे !
नजर हटती नहीं
दुनियां अखरती नहीं
जब तक सामने खड़े हो , सिर्फ तुम।

रब से कर हूं मैं फरियाद
दुनियां होगी अपनी भी फिर आबाद
कोरोना खाएगा इस बार तेरे मेरे साहस से मात
बढ़ना होगा आगे की ओर साथ साथ

दिलबर मेरे !
नजर हटती नहीं
दुनियां अखरती नहीं
जब तक सामने खड़े हो , सिर्फ तुम।

दिलबर मेरे !
नजर हटती नहीं
दुनियां अखरती नहीं
जब तक सामने खड़े हो , सिर्फ तुम।।
 
:– नरेन्द्र सिंह राठौड़

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