Uth mere bande–उठ मेरे बंदे – Get up my son
उठ मेरे बन्दे!
हो जाएगी तेरी बल्ले बल्ले
हरि नाम लेकर जब तू बाहर निकले
दूर हो जाएंगे मन के सारे अँधेरे
दर्शन होगा मेरा सवेरे - सवेरे
उठ मेरे बन्दे!
नील गगन के तले लगा हरि नाम के डेरे
मत समझ दुनिया में आया तू अकेले
साथ में पाएगा हरि को सदा अपने साथ खडे
हल करूंगा मन के प्रश्न पूरे।
उठ मेरे बन्दे!
शुरू कर कर्म बिना फल की चिन्ता करे
होगा कार्य पूर्ण बिना अटके
जब तू विश्वास करेगा हरि पे डट के
दौड़ेंगे हरि गले लगाने सुदामा समझ के।
उठ मेरे बन्दे!
हरि को अपना सर्वस्व अर्पण कर दे
राजा बलि की तरह आस्था अटल रख के
तेरे द्वार की रक्षा करेंगे स्वयं हरि द्वारपाल बन के
विश्वास कर मुझ पर प्रह्लाद जैसा बन के।
:– नरेंद्र सिंह राठौड़ (भारत)
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