Lauta de mera bachpan a rab ! लौटा दे मेरा बचपन, ए रब ! - Childhood

लौटा दे मेरा बचपन , ए रब !   
मिट्टी का घरौंदा बनाऊं
और मिटाऊं मार कर ठोकर जब तब
दुश्मन नहीं होता कोई
खेलते है डालकर गलबहियां सब। 

लौटा दे मेरा बचपन , ए रब !
मन के होते थे राजा
बजाते थे
घर में आए मेहमानों का  बैंड बाजा
बदल कर टीवी चैनल
कार्टून चैनल मेरी मर्जी से लगाता।

लौटा दे मेरा बचपन , ए रब !
ड्यूटी से जब आते पापा
खोलता नहीं घर का दरवाजा
जाओ दुकान पे
लेकर  आओ ! मक्खन बड़े और रसगुल्ले
पाओगे तभी मॉम संग मुझे
मुख मेरा बिना फूले।

लौटा दे मेरा बचपन , ए रब !
होती जब गर्मी
खाते थे बर्फ के गोले
झूले में झूलकर
लेते थे  हिचकोले।

लौटा दे मेरा बचपन , ए रब !
होती जब सर्दी
खाते थे दूध संग जलेबियां
मॉम बनाती थी पकोड़े
धनिए की चटनी संग
मुख में रखते  होले होले।

लौटा दे मेरा बचपन , ए रब !
होती जब बारिश
पानी में  तैराते
कागज की  किश्तियां
रेस में आगे जाने पर
उछल उछल बजाता तालियां
खाते सब भुट्टे
लगाकर होड़
एक दाना भी पीछे ना छूटे।

लौटा दे मेरा बचपन , ए रब !
मिटा के मनों की दूरियां
एक दूजे के करीब रहे सब।

- नरेन्द्र सिंह राठौड़

Comments

Popular posts from this blog

Mauj - मौज

Jaan se pyari jaan hamari hai–जान से प्यारी जान हमारी है

Gam ke badal chhant janyenge -गम के बादल छंट जाएंगे