Main Bhagat Singh मैं भगत सिंह

मैं भगत सिंह 

फैंका कचहरी में

अहिंसक बम 

जानकर मौत है इसका परिणाम 

लाएगी सारे भारत में इन्कलाब

काटी मैंने 

मौत से पहले जो रातें 

उनमें देखा 

सारे हिंदुस्तान को 

आजादी के गीत गाते

वतन के लिए जां निसार 

हो चाहे कुदरती

या फैंदे को सहती 

हूं नही मैं अमर 

इसी सोच को बना आधार 

सुखदेव राजगुरु के संग

फंदे को किया 

चूम कर स्वीकार 

लगा फंदा जब गले

आरजू थी दिल में यही 

सम्पूर्ण भारत में इन्कलाब का जुलूस निकले 

मिले आजादी 

भारत ना सहेगा अब गुलामी

चहुं दिशाओं में बजेगा

आजादी के दीवानों का डंका

जलेगी आज फिरंगियों की लंका 

बहुत हुआ जुल्मों सितम

गूंजेगा गीत हर गली हर नुक्कड़ 

वन्दे मातरम् !वन्दे मातरम् !

इसी बात को लेकर 

राजगुरु, सुखदेव और भगतसिंह ने 

मौत को गले लगाने की 

खाई थी कसम 

ताकि अखंड रहे मेरा भारत 

हर क्षण  हर दम 

रहेगा अब सदा आबाद 

बसा कर दिल में हर कोई इन्कलाब जिंदाबाद !

:– नरेन्द्र सिंह राठौड़ (भारत )















Comments

Popular posts from this blog

Mauj - मौज

Jaan se pyari jaan hamari hai–जान से प्यारी जान हमारी है

Gam ke badal chhant janyenge -गम के बादल छंट जाएंगे