Ishwar kahte hai -ईश्वर कहते हैं -The God says
ईश्वर कहते हैं
इन्सान है मेरी सबसे सुन्दर सृष्टि
विस्तारवाद करवा रहा हथियारों की वृष्टि
अज्ञानता ने ढक लीं है उसकी दूर दृष्टी
मिटाने को हो रहा है अपनी ही हस्ती।
ईश्वर कहते हैं
शुद्ध जल शुद्ध वायु शुद्ध खाद्य था मेरी देन
भौतिकवाद ने छीन लिया प्राणी जगत का सुख चैन
कहता है अपने आपको जेंटलमैन
जलवायु परिवर्तन हेतु ज़िम्मेदार है बिजनेसमैन।
ईश्वर कहते हैं
आदमी को आदमी से है डर
उजाड़ रहे है निर्दोष प्राणियों का घर
आता है संकट दोष देता है कुदरत पर
जिसको गढ़ा मैंने शांति का पैगाम देने हर क्षण।
ईश्वर कहते हैं
मत तान मनुज मेरे! तू इक दूजे पे गन
निशस्त्रीकरण पर दे अपना बल
हर्षित होगा सर्व जन का मन
पायेगा दर्शन मेरा हर कण– कण।
ईश्वर कहते हैं
श्रेष्ठ है वो विज्ञान
जो करे सबका कल्याण
जिस विज्ञान से होता है केवल नुकसान
उसे कहते हैं प्रकृति विरोधी अनुसंधान।
:– नरेन्द्र सिंह राठौड़ (भारत)
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