Posts

Aya Diwali ka tyauhar-आया दिवाली का त्यौहार - Happy Diwali

Image
आया दिवाली का त्यौहार   सुख समृद्धि लाया अपार  जगमग जगमग हो रहा सारा संसार  लक्ष्मी जी के स्वागत को है तैयार। आया दिवाली का त्यौहार हो रही चहुं दिशाओं से धन की बौछार दिन दूनी  रात चौगुनी बढ़ रहा व्यापार खिल रही है हर चहेरे पे मुस्कान। आया दिवाली का त्यौहार लक्ष्मी जी की कर रहे छप्पन भोग से मनुहार देवता गण बरसा रहे गगन से पुष्प बौछार जन जन हो रहा प्रफुल्लित अपार। आया दिवाली का त्यौहार पहन कर नवीन वस्त्र लक्ष्मी जी की पूजा को तैयार रोशनी से जगमग जगमग हर घर संसार बच्चे छोड़ रहे फुलझडी बड़े छोड़ रहे अनार। आया दिवाली का त्यौहार चहुं दिशाओं में हो भाईचारे का प्रसार खुश रहे दुनियां का हर इंसान लक्ष्मी जी से है सबकी पुकार।     -  नरेन्द्र सिंह राठौड़

Satya ! सत्य ! - Truth

Image
सत्य करे जो धारण।  ईश्वर करे उसका पालन।।   सत्य रहता सदा निडर  नहीं करता भय कभी उसके मन में घर ।। सत्य पर चले हरिश्चंद्र राजा। उनकी याद में बजता है नौबत बाजा।। सत्य पर चले भक्त ध्रुव और प्रहलाद। पाया नारायण भक्ति का प्रसाद।। सत्य पर चले हनुमान। प्रभु राम - हृदय के बने मेहमान।। सत्य पथ पर चले पांडव। सारथी बनने को उत्सुक हुए माधव।। सत्य पथ पर चली मीरा। केशव ने हर ली हर पीड़ा।। सत्य पर चले मेवाड़ महाराणा। भारत वर्ष में फहराती है उनकी कीर्ति पताका।। सत्य पर चले अगर राजनीति। निश्चित है उस राष्ट्र की प्रगति।।        - नरेन्द्र सिंह राठौड़

Ghar-घर - home

Image
घर है एक बसेरा  जहां सुकून डालता है डेरा    हिल मिल कर रहते है सब हर ले जो मन की पीड़ा  दस्तक देता है रोज  आशान्वित सवेरा  मुस्कान देता है हर चहेरा गूंजती है जब बच्चों की किलकारी घर का कोना लगता है प्यारा प्यारा ले के गोद में  नन्हो को  बन जाता है हरेक मतवाला आते है उत्सव और त्यौहार खुशियों की  होती है बौछार बनते है मीठे मीठे पकवान मिठास डालती है जुबां पे डेरा सारे जहां में घूम के मीटे जहां थकान स्वागत को रहे जो सदा खड़ा वो है बस घर मेरा।       - नरेन्द्र सिंह राठौड़

Are mere pyare ! अरे मेरे प्यारे ! - Oh my dear

Image
अरे मेरे प्यारे ! बना के मन को अपना मीत     सुना ज़रा उसे प्यारा संगीत भूलाने को गमगीन बात बिछड़े ना सुनहरी याद बढ़ जरा आगे  देने खुदी का साथ चल मेरे साथी डग भर भर मिटाता चल मायूसियों को हर दर हर पल रख चींटी सा आत्म बल गिर गिर के पा लेती है मंज़िल इक पल आखिर तू है इक इंसान  ब्रह्माण्ड की सर्वश्रेष्ठ कृति में है तेरा स्थान फ़िर क्यूं रहे परेशान  लेगा जब तू ठान हरा के परेशानियों को बन जाएगा महान वतन करेगा तुझ पे अभिमान।   - नरेंद्र सिंह राठौड़

Lauta de mera bachpan a rab ! लौटा दे मेरा बचपन, ए रब ! - Childhood

Image
लौटा दे मेरा बचपन , ए रब !    मिट्टी का घरौंदा बनाऊं और मिटाऊं मार कर ठोकर जब तब दुश्मन नहीं होता कोई खेलते है डालकर गलबहियां सब।  लौटा दे मेरा बचपन , ए रब ! मन के होते थे राजा बजाते थे घर में आए मेहमानों का  बैंड बाजा बदल कर टीवी चैनल कार्टून चैनल मेरी मर्जी से लगाता। लौटा दे मेरा बचपन , ए रब ! ड्यूटी से जब आते पापा खोलता नहीं घर का दरवाजा जाओ दुकान पे लेकर  आओ ! मक्खन बड़े और रसगुल्ले पाओगे तभी मॉम संग मुझे मुख मेरा बिना फूले। लौटा दे मेरा बचपन , ए रब ! होती जब गर्मी खाते थे बर्फ के गोले झूले में झूलकर लेते थे  हिचकोले। लौटा दे मेरा बचपन , ए रब ! होती जब सर्दी खाते थे दूध संग जलेबियां मॉम बनाती थी पकोड़े धनिए की चटनी संग मुख में रखते  होले होले। लौटा दे मेरा बचपन , ए रब ! होती जब बारिश पानी में  तैराते कागज की  किश्तियां रेस में आगे जाने पर उछल उछल बजाता तालियां खाते सब भुट्टे लगाकर होड़ एक दाना भी पीछे ना छूटे। लौटा दे मेरा बचपन , ए रब ! मिटा के मनों की दूरियां एक दूजे के करीब रहे सब। - नरेन्...

Main chala dhundhne ek priya jan-मैं चला ढूंढने इक प्रिय जान

Image
मैं चला ढूंढने इक प्रिय जान  जिस पर ना किसी  का दवाब हो    भरे जब उड़ान आसमां में बिखर जाए कदमों के निशान। जिसमें हो संवेदनाओं का उफान जो लपक पड़े दूर क्षितिज से बचाने हर प्राणी की जान। जो पनाह देने में समझे अपनी शान हृदय से गुंजित होते हो हरदम मोहब्बत के गान। रुख से जिसके पलट जाए तबाही के बाण रखता हो सबका मान। जिसकी नज़र में हर प्राणी रखता हो उससे आत्मिक पहचान ताकि नमस्ते 🙏🏿कर के अपना बन जाए हर अनजान। दिखता है जिसे कण कण में भगवान कहलाए वो अदब इन्सान। शुक्रिया -ए- रब ! मैं चला ढूंढने इक प्रिय जान वो ही तो है इक अदब इन्सान।।  - नरेन्द्र सिंह राठौड़

Wo bharat desh hai mera-वो भारत देश है मेरा - My great India

Image
वो भारत देश है मेरा  जो रखे कदम इस धरा  कभी महसूस ना करे अकेला रहता है द्वार जिसका अतिथि के स्वागत को सदा खुला नज़र आता है सदा जहां आत्मा में परमात्मा वो भारत देश है मेरा।  मिटा दे दूरियों को    बाहें पसारा दे जो पैगाम इंसानियत का रहता है सदा उसके साथ खड़ा  वो भारत देश है मेरा। मिटाने आतंकवाद को बजाए जो बिगुल तगड़ा ताकि ना रहे इंसान का इन्सान के साथ झगड़ा  सलामत रहे भाईचारा पैग़ाम है हमारा वो भारत देश है मेरा। जो करता नहीं कभी प्यार के पैगाम से किनारा पंछी आ के साइबेरिया से डाले  जहां अपना डेरा वो भारत देश है मेरा। - नरेन्द्र सिंह राठौड़