Posts

Jaan se pyari jaan hamari hai–जान से प्यारी जान हमारी है

Image
जान से प्यारी जान हमारी है देख देख के जिनको दिल की बगियां में उड़ जाती तितलियां सारी हैं  इश्क में हमने बाजी मारी है जान से प्यारी जान हमारी है  ठुमक ठुमक के चलती है कायनात हिल जाती है देख देख के जिनको स्वर्ग की अप्सराएं इठलाती हैं  जान से प्यारी जान हमारी है  इश्क में डूबकर अश्क गिराती है दिल के बीच में दरिया बहाती है आ आ कर अप्सराएं श्रृंगार कराती है स्वर्ग से ला ला कर उबटन लगाती है जान से प्यारी जान हमारी है  जान को लेने जा रही बारात हमारी है बैंड बाजे के आगे नाच रही दुनियां सारी है लाल रंग के लहंगे में लग रही प्रियतमा प्यारी है हाथों में रची महंदी बड़ी न्यारी है जान से प्यारी जान हमारी है जान से प्यारी जान हमारी है  देख देख के जिनको दिल की बगियां में उड़ जाती तितलियां सारी हैं जान से प्यारी जान हमारी है  हाँ जान हमारी है। :– नरेन्द्र सिंह राठौड़ 

Mera Ghar Hai Sara Jahan मेरा घर है सारा जहां

Image
मेरा घर है सारा जहां  मैं परिंदा हूं इंसान नहीं  मुझे चाहिए दाना , पानी और हवा भरते है हम स्वछंद उड़ान नहीं उठता जहा बारूद का धुआं  नहीं होती है  हमारे यहां  नफरत की खाई  जो किया करती सीमाओं में बांध कर मनमुटाव की कमाई  हम तो किया करते हैं  प्रेम सगाई जिसके अंदर सारे जहां की खुशियां  सदा रहती हैं समाई  छोड़ चोला आदमी का बन जा तू भी परिंदा होना नहीं पड़ेगा तुझे कदाचित  आने वाली पीढ़ियों के समक्ष शर्मिंदा अगर नही उड़ाएगा सीमाओं में बंधने के लिए एक – दूझे पे बारूद का गर्दा मनुज होकर अगर शांति से नहीं पले  तो प्रकृति को  क्यों करता है प्रदूषित  कहला कर बुद्धिमान प्राणी रह कर नील गगन के तले हाथ क्यों है तेरे  निर्दोषों के खून से सने  मन में बसा रखा है तूने चहुं दिशाओं में अंधेरे घने बन जा तू भी शांत परिंदा  उड़ान भर सीमाओं से परे।   :– नरेन्द्र सिंह राठौड़ 

Mauj - मौज

Image
मैं मौज का मजा दिन रात लेता हूं जिंदगी को बनाकर बिछौना मौत को चादर बनाकर स्वप्न सुंदर देखता हूं मौत के साथ खो –खो            और जिंदगी के साथ कबड्डी रोज खेलता हूं  जो डालेगी गले में हार मेरे उसके संग दौड़कर जाऊंगा सौगंध मैं खाता हूं वचन के खातिर जीता हूं  और मरता हूं शाश्वत  क्रीड़ा के संग उल्लास का उत्सव मनाता हूँ।   :– नरेन्द्र सिंह राठौड़ 

Ban ja pyare tu Prabhu Ram ka banda– बन जा प्यारे तू प्रभु राम का बंदा

Image
बन जा प्यारे तू प्रभु राम का बंदा है नहीं वो तुम से जुदा  होती है जब तेरे दिल में करूणा कहते है मैं हूं ना। जब करता है तू अपना आंकलन कम आत्मा में बसे राम महसूस करते है गम मच रही है जहां में हथियारों की होड़ जो तैयार है ख़त्म करने सृष्टि को राम से मुंह मरोड़ बन जा प्यारे तू प्रभु राम का बंदा है नहीं वो तुम से जुदा होती है जब तेरे दिल में करूणा कहते हैं मैं हूं ना। गूजते है जब  मन मंदिर में राम मंत्र आत्मा में बैठे राम का प्रफुल्लित हो उठता है तन मन कर उनका सवेरे सवेरे भजन  मिट जाएंगे तेरे सारे व्यसन  बन जा प्यारे तू प्रभु राम का बंदा है नहीं वो तुम से जुदा होती है जब तेरे दिल में करूणा कहते है मैं हूं ना।   :- नरेन्द्र सिंह राठौड़ (भारत)

Uth mere bande–उठ मेरे बंदे – Get up my son

Image
उठ मेरे बन्दे! हो जाएगी तेरी बल्ले बल्ले  हरि नाम लेकर जब तू बाहर निकले  दूर हो जाएंगे  मन के सारे अँधेरे    दर्शन होगा मेरा सवेरे - सवेरे  उठ मेरे बन्दे! नील गगन के तले लगा हरि नाम के डेरे मत समझ दुनिया में आया  तू अकेले  साथ में पाएगा हरि को सदा अपने साथ खडे  हल करूंगा मन के प्रश्न पूरे। उठ मेरे बन्दे! शुरू कर कर्म बिना फल की चिन्ता करे  होगा कार्य पूर्ण बिना अटके जब तू विश्वास करेगा हरि पे डट के दौड़ेंगे हरि गले लगाने सुदामा समझ के। उठ मेरे बन्दे! हरि को अपना सर्वस्व अर्पण कर दे राजा बलि की तरह आस्था अटल रख के तेरे द्वार की रक्षा करेंगे स्वयं हरि द्वारपाल बन के विश्वास कर मुझ पर प्रह्लाद जैसा बन के। :– नरेंद्र सिंह राठौड़ (भारत)

Main hi prakash -मैं ही प्रकाश-I am the light

Image
मैं  ही प्रकाश  मैं ही आत्मा  मैं ही बीज ऊर्जा   मैं ही अनंत में एक कहते हैं मुझे परमात्मा |  आज  चले  अपने भीतर  समय  बनेगा तेरा मित्र  शांत स्वरूप  का दिखेगा चित्र  ज्योतिर्लिंग  का  होगा  दर्शन। कीचड़ में खिलता है कमल  रहता है फिर भी निर्मल  मनुज होकर मानव धर्म में डाल रहा है क्यों विघ्न ? मानवता के लिए कर सर्वत्र निशस्त्रीकरण। जब शांत होंगे मनोवेग  कोशिकाओं का सृजन होगा तेज  चिंता करेगी प्रणाम शांत चित को घुटने टेक जीतेगा भय से मनुज  हरेक  प्रकृति  के  संग करो योग  नहीं होगी चिंता , नहीं  होगा क्रोध  नहीं करेगा  मनुज , मनुज  संग विरोध  खुल जायेगा मानव धर्म के हेतु का स्रोत |  जीत  होगी तेरे हाथों में  बैठा पाएगा मानव धर्म के रक्षकों में  लिखा जाएगा इतिहास में  तेरा नाम स्वर्ण अक्षरों में  कर पायेगा परम शांति का अनुभव प्रकृति के नजारों में |  कोई नहीं ऐसा  विज्ञान  जो निर्जीव में...

Insan hai wo jo satya se preet kare -इन्सान है वो जो सत्य से प्रीत करे - man is he who loves the truth

Image
इन्सान है वो जो सत्य से प्रीत करे   होगा नहीं  तुझ से फिर कोई परे  ईश्वर  आएंगे भीतर तेरे  बिताएगा अपना जीवन बिना डरे |  जिसे किसी में कमी नहीं  दीखे  वो  करता है कर्म  बिना हारे या जीते  उसके जीवन का हर पल योग में बीते  करनी नहीं पड़ती आंखे कभी शर्म से नीचे |  संघर्ष से  जो सीखे  वो  गगन  में बाज की तरह उड़े  जो अपने लक्ष्य को हासिल करे बिना भटके  देता है पैगाम यही जो हर हाल में डटके |  मन  कुरुक्षेत्र जब जब बने  धरा पर रखा गांडिव उठाना होगा अर्जुन बन के  पायेगा कृष्ण को सदा भीतर सारथी बन के  होगा ख़त्म मन का द्वन्द उत्तरदायी बनोगे मोक्ष के |  :- नरेन्द्र सिंह राठौड़ (भारत)